भारत पर्व @ राजपथ
देश आजादी की
70वीं सालगिरह मना रहा है. यूं तो अब तक देश में 50वीं, 75वीं या 100वीं वर्षगांठ मनाने का चलन रहा है मगर इस बार दिल्ली आजादी की
70वीं सालगिरह को पूरे जोशोखरोश के साथ मना रही है. हर चीज भव्य और बड़ी. हर ओर उत्सव.
दिल्ली भारत पर्व मना रही है. इंडिया गेट के दोनों ओर के हरी घास के मैदानों में इन
दिनों मानो पूरा हिंदोस्तान उतर आया है. हर रोज दोपहर 2 से रात 9 बजे तक कश्मीर से केरल और अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक की बहुरंगी
दुनिया ढ़ोल नगाड़ों की धमक और लोक नृत्यों की थिरकन के साथ जीवंत हो उठती है. ये मेला
राजपथ पर जनपथ क्रॉसिंग से लेकर बडौदा हाउस वाली क्रॉसिंग के बीच सजा है. यदि आप राजपथ
पर केन्द्रीय सचिवालय की ओर से आकर मेले में प्रवेश करते हैं तो मुख्य द्वार के पास
पर्यटन मंत्रालय की ओर से देश के पर्यटक स्थलों के मनमोहक नजारों के बड़े होर्डिंग
आपका स्वागत करते हैं. बस उन्हें निहारते निहारते मेले में कब प्रवेश हो जाता है
पता ही नहीं चलता. मेले में प्रवेश करते ही राजपथ पर सड़क के बीचों-बीच हिन्दी में
सजे ‘अतुल्य भारत’ के बड़े से मॉडल के
पास लोग सेल्फ़ी लेते नज़र आ जाएंगे. बस इसी राजपथ के दांई ओर देश के हर राज्य के
पैवेलियन सजे हैं जिनमें उन राज्यों के पर्यटक स्थलों की पूरी जानकारी उपलब्ध है.
थोड़ा आगे चलकर हैंडीक्राफ्ट बाजार हमारा स्वागत करता है जिसमें तमाम राज्यों के
खूबसूरत हस्तशिल्प खरीदे जा सकते हैं. खूब लंबे हरे घास के इन मैदानों में पैवेलियनों
के बीच ही कई मंच सजे हैं जिन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम दूर से ही दर्शकों को लुभा
रहे हैं. आप कह सकते हैं कि ये मेला कुछ कुछ ट्रेड फेयर जैसा ही है. मगर असल बात यहां
भारत को सेलिब्रेट करने की है जो इसे ट्रेड फेयर से कई मायनों में अलग करती है.
वहीं कहीं भारत
सरकार को ‘मेक इन इंडिया’ का लोगो वाले शेर की प्रतिकृति भी मौजूद है. घूमते-घुमाते हम इंडिया गेट तक
पहुंच जाते हैं. इंडिया गेट के एकदम ऊपर रौशनी से बना तिरंगा बेहद खूबसूरत नज़र आता
है. और राजपथ के दूसरी ओर प्रवेश करने से पहले अंग्रेजी में लिखा Incredible
India एक बार फिर सेल्फी प्रेमियों को आकर्षित करता नज़र आता है. चटख
रंगों वाले इस मॉडल के पास से गुज़रते हुए दूर राष्ट्रपति भवन पर जगमगा उठने वाली
रौशनियां जैसे इस समूचे आयोजन की भव्यता में चार चांद लगा देती हैं. अब बारी है राजपथ
की दूसरी ओर सजे राज्यों के फूड कोर्ट्स की. यहां अमूमन हर राज्य का अपना अलग फूड
कोर्ट मौजूद है जिसमें वहां के लजीज व्यंजन खूब लुभा रहे हैं. मेरे पास वक़्त की
कमी थी और दूसरे स्वाद के मामले में राजस्थान हमेशा मेरी पहली पसंद रहा है सो कदम
सीधे राजस्थान के स्टॉल पर जाकर रुके. अपनी पसंदीदा जोधपुरी कचौड़ी ने पिछले तीन
घंटों की पूरा थकान को पल भर में भुला दिया. यहां तमाम होटल मैनेजमेंट कॉलेजों के स्टूडेंट्स
भी पाक कला में अपने जौहर दिखा रहे हैं. कुल मिलाकर एक मुकम्मल ठिकाना है जहां हर
तरह के स्वाद के दीवाने मन भर कर खा सकते हैं।
आप अगर अभी
तक नहीं गए हैं तो जरूर होकर आइए...इसे मिस मत कीजिएगा. ये खेल तमाशा कल 18 अगस्त
रात 9 बजे तक मौजूद रहेगा. बाकी की कहानी इन तस्वीरों की जुबानी सुनिए.
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