भारत और जापान के रिश्ते हमेशा से गहरी
मित्रता वाले रहे हैं और भारत और जापान के लोगों के बीच सदियों से सांस्कृतिक
आदान-प्रदान होता आया है. एशिया के ये दो सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्रात्मक देश आज सबसे बड़े
आर्थिक और रणनीतिक भागीदार बनकर उभर रहे हैं और वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों का
मिलकर सामना कर रहे हैं. भारत और जापान के बीच संबंधों और संपर्कों
के सैकड़ों कारण हैं.
हाल के समय में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे के दौर
में भी भारत और जापान संबंध निरंतर प्रगाढ़ हो रहे हैं. ये मजबूत संबंधों की एक नई
इबारत है. लेकिन इस सबके बावजूद, ये एक
दिलचस्प बात है कि एक आम भारतीय जितना अमेरिका, चीन और रूस के विषय में सामान्य
जानकारी रखता है उतना जापान के बारे में नहीं.
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रुचिरा शुक्ला |
वे समय-समय पर जापान से चिट्ठियां भेजती रहेंगी जिसे मैं हिंदी में अनुवाद कर आप सभी के साथ साझा करता रहूंगा. इन चिट्ठियों में जापान की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं, वहां के उत्सवों, खान-पान, सामाजिक हलचलों, जापान के इतिहास की झलक देखने को
मिलती रहेगी. अनुवाद
के माध्यम से ये प्रयास न केवल हिंदी-भाषी पाठकों को जापान के थोड़ा और क़रीब लेकर
आएगा बल्कि हम सभी को जापान की संस्कृति को जानने और समझने में मदद भी करेगा, ऐसा हम दोनों का विश्वास है.
इस श्रंंखला केे पोस्ट लिंक यहां देखें :
1. रौशनियों और ख़्वाहिशों का उत्सव है तानाबाता (Tanabata Festival) : जापान की पहली चिट्ठी
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जापान में तानाबाता का उत्सव |
2. बहुत अनूठा है जापान का शिंतो धर्म (Shintoism in Japan): जापान की दूसरी चिट्ठी
मेईजी श्राइन में बड़ी तोरी |
Thanks for sharing such a rich content... Dear Team we will be always thankful
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