किस्सा कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन का
Story of Kashmir's Tulip Garden.
अमिताभ और रेखा की फिल्म सिलसिला 1981 में आई और हम 82 में
आए....जैसे-जैसे बड़े हुए गीत-गज़ल समझने लग गए. एक रोज अमिताभ बच्चन और रेखा पर
फिल्माया गया ‘सिलसिला’ का वो सदाबहार गीत ‘देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले
हए.....’ वीसीआर के रंगीन पर्दे पर देख लिया. कमबख्त वो रंग
बिरंगे ट्यूलिप के फूल दिल में उतर गए. हमने तो तब तक सबसे खूबसूरत फूल गुलाब ही
देखा था सो बरसों तक उन ट्यूलिप को गुलाब ही समझते रहे. बाद में अनुभवी बड़कों ने
बताया कि वो गुलाब नहीं ट्यूलिप हैं.
जवानी की दहलीज पर कदम रखते हुए तो हम जैसे न
जाने कितने ही युवाओं ने अपनी काल्पनिक प्रेमिकाओं के साथ उस काल्पनिक ट्यूलिप
गार्डन में कल्पनाओं में ही ये गीत सैकड़ों बार गुनगुनाया था. अब आलम ये था कि
गीत चाहे रेडियो पर बज रहा हो....या कोई गुनगुना रहा हो....कल्पना में गहरे रंगों
वाले ट्यूलिप खुद ब खुद चले आते.
अब क्या है कि ट्यूलिप अपने देश में तो देखने को भी नहीं मिलते.
सो अनदेखे के प्रति स्वाभाविक ही जबरदस्त अनुराग हो गया. जो चीज महानगरों के रोज
गार्डन या पुष्पवाटिकाओं में भी न हो वो सिर्फ जन्नत में ही हो सकती थी. यूं भी उस
दौर में तो हर खूबसूरत जगह सिर्फ जन्नत ही लगती थी और जन्नत का मतलब हमें सिर्फ
कश्मीर ही पता था. तभी एक दिन किसी छिद्रान्वेशी ने बताया कि ये गीत हॉलैंड में
फिल्माया गया है.
हमने हॉलैंड का सिर्फ नाम ही सुना था ये था किधर इसका इल्म
नहीं था सिवाय इसके कि बहुत दूर है और अपन जा नईं सकते. बस इस सूचना ने सारी कल्पना
का सत्यानाश कर दिया. साथ ही अबोध मन में सवाल चुभने लगा कि आखिर ट्यूलिप अपने
कश्मीर में क्यों नहीं हो सकता? तब तक गूगल हमारी जि़दगी में नहीं आया था कि उससे पूछ लें या कहिए कि हम
इत्ते बड़े नहीं हुए थे कि इंटरनेट के बिना रोटी हजम नहीं होती हो. 90 के दशक के
उत्तरार्ध में भी इंटरनेट भी तो एक ख्वाब ही था...वही जन्नत जैसा. ये लग्ज़री
थी जिससे हम यूनीवर्सिटी में पहुंचने तक महरूम थे. बस फिर समय के साथ हम
पढ़ने-लिखने में खपने लगे और बात आई गई हो गई.
फिर समय का पहिया कुछ ऐसा घूमा कि ट्यूलिप अब हमारी अपनी जन्नत
कश्मीर में ही खिलने लगे. वक़्त बदल गया. अब हिन्दुस्तानी अपने ट्यूलिप गार्डन
में ही सिलसिला के अमिताभ और रेखा की तरह शरमाने और गुनगुनाने लगे हैं. भला हो जम्मू
कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद साहब का...अपन हॉलेंड नहीं जा सकते
तो क्या....2007 में हॉलैंड से ट्यूलिप ही मंगवा कर यहां बाग तैयार कर लिया. बस
साहेबान ! तब से ट्यूलिप का बाग सजने का ये सिलसिला श्रीनगर में बदस्तूर जारी है.
श्रीनगर
तो यूं भी झीलों और मुग़लिया बाग़ों के लिए पहले से मशहूर था पर अब इस शहर की
शानोशौकत में एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन चार चांद लगा रहा है. ट्यूलिप के
ये फूल इस धरती के शायद सबसे नाजुक फूल हैं और इतने मिजाजी हैं कि साल में केवल दो
महीने के लिए ही (मार्च के आखिरी सप्ताह से मई के अंत तक) खिलते हैं.
Tulip Garden |
ट्यूलिप दरअसल सबसे पहले पर्शिया में पैदा हुआ और तमाम देशों से
होता हुआ अब कश्मीर तक पहुंच चुका है. ये शहर यकीनन किस्मत वाला होगा जिसने अपने इन नायाब गुलों से ही पूरी
दुनिया के लोगों को दीवाना बना दिया है. जबरवान पहाडियों की तलहटी में खूबसूरत डल
झील के पास सजा ये ट्यूलिप गार्डन पहले सिराज़ बाग़ के नाम से जाना जाता था. बाद
में जम्मू कश्मीर सरकार के पर्यटन विभाग ने इसे मॉडल फ्लोरिकल्चर सेंटर के रूप
में विकसित किया और 2007 में जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम
नबी की नज़रें इनायत हुईं तो ट्यूलिप गार्डन ही तैयार करा दिया.
हर गुज़रते साल के
साथ ट्यूलिप की खेती के लिए जमीन,
ट्यूलिप की संख्या और किस्में भी लगातार बढ़ती गईं. लगभग 30 एकड़ में फैला ये
ट्यूलिप गार्डन हर साल मार्च के अंतिम सप्ताह में खुलता है और तकरीबन दो महीने तक
फूलों के कद्रदानों का पलकें बिछा कर स्वागत करता है. इस बार ये बाग गरमी जल्दी
शुरू होने से 20 मार्च को ही खुल गया और 40 रंगों के लगभग 10 लाख ट्यलिप इस बार
गार्डन में खिलेंगे. ये जरूरी नहीं कि हर कली पूरे दो माह तक खिली रहे इसलिए फूलों
की खेती कुछ इस तरह की जाती है कि कुछ कलिया सीजन के शुरू में खिलें कुछ बीच में
और कुछ सीजन के आखिर में...ताकि पूरे सीजन गुलों में बहार रहे.
ट्यूलिप गार्डन के प्रति दीवानगी को देखते हुए हर
साल यहां ट्यूलिप फैस्टीवल का रंगारंग आयोजन होता है जिसमें यहां के हस्तशिल्प
और लोक कलाओं को भी खूब बढ़ावा दिया जाता है. इस साल टयूलिप फैस्टीवल 7 से 14 मई
के बीच आयोजित किया जाएगा. तो अभी भी देर नहीं हुई है....मई के आखिर तक ट्यूलिप
वहां मुस्कुराते हुए नज़र आएंगे.
Tulip Garden |
Tulip Garden |
Tulip Garden |
Tulip Flawer |
Lake inside Tulip garden |
Beautiful Tulip Garden |